लौटना जरुर
*यदि जीवन के 40 वर्ष पार कर लिये हैं तो अब लौटने की तैयारी प्रारंभ करें, इससे पहले कि देर हो जाये, इससे पहले कि सब किया धरा निरर्थक हो जाये.* लौटना क्यों है❓ लौटना कहाँ है❓ लौटना कैसे है❓ इसे जानने, समझने एवं लौटने का निर्णय लेने के लिये टॉलस्टाय की मशहूर कहानी आज आपके साथ साझा करता हूँ : *लौटना कभी आसान नहीं होता* एक आदमी राजा के पास गया और कहा कि वो बहुत गरीब है, उसके पास कुछ भी नहीं, उसे मदद चाहिये. राजा दयालु था, उसने पूछा कि क्या मदद चाहिये ? उस आदमी ने कहा, थोड़ा-सी जमीन ताकि मैं खेती बाड़ी करके अपना परिवार पाल सकूं. राजा ने कहा, कल सुबह सूर्योदय के समय तुम यहां आना, ज़मीन पर तुम दौड़ना जितनी दूर तक दौड़ पाओगे वो पूरी जमीन तुम्हारी. परंतु ध्यान रहे, जहां से तुम दौड़ना शुरू करोगे, सूर्यास्त तक तुम्हें वहीं लौट आना होगा अन्यथा कुछ नहीं मिलेगा. आदमी खुश हो गया. सुबह हुई, सूर्योदय के साथ आदमी दौड़ने लगा. आदमी दौड़ता रहा, दौड़ता रहा. सूरज सिर पर चढ़ आया था पर आदमी का दौड़ना नहीं रुका था, वो हांफ रहा था पर रुका नहीं था. थोड़ा और, एक बार की मेहनत है फिर पूरी ज़िंदगी मौज है. शाम होने लगी