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Showing posts from February 28, 2021

कर्मयोग

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इसे YouTube पर देखने के लिए इस लिंक 👇 पर क्लिक करें 🙏https://youtu.be/35M1VwBCgZY *🌹कर्म योग क्या है? 🌹🙏🏻* एक बार एक सात वर्ष का बालक एक  महर्षि के पास आया! महर्षि को प्रणाम कर उसने अपनी जिज्ञासा उनके समक्ष रखी। बालक बोला- क्या आप मुझे बता सकते है कि कर्म-योग क्या है, क्योंकि जब कभी भी मैं यह प्रश्न अपने माता-पिता से पूछता हूं, तो वे कहते है कि अभी तुम्हें इस विषय मे सोचने की आवश्यकता नहीं है। जब तुम बड़े हो जाओगे, तब अपने आप समझ जाओगे। . बालक की बात सुनकर महर्षि मुस्कुराए और उन्होंने बालक से कहा, “मैं तुम्हें इस प्रश्न का उत्तर दूंगा, लेकिन अभी तुम यहां शांतिपूर्वक बैठ जाओ।”  बालक उनकी आज्ञा का पालन कर उनके पास जाकर बैठ गया। कुछ समय बाद, वहां एक व्यक्ति लड्डू लेकर आया और सारे लड्डू महर्षि के समक्ष रख दिए। महर्षि ने एक लड्डू अपने पास रखा, बाकी लड्डू अन्य लोगों में बांटने का संकेत दिया।  अब लड्डू बालक के हाथ में थमाते हुए महर्षि बोले, “जब तक मैं अंगुली से रुकने का इशारा नहीं करता, तब तक तुम लड्डू खाते रहोगे। ध्यान रहे कि मेरे संकेत से पहले तुम्हारा लड्डू खत्म नहीं होना चाहि

कर्म का महत्व

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3️⃣1️⃣❗0️⃣1️⃣❗2️⃣0️⃣2️⃣1️⃣ *👇👇 आज का प्रेरक प्रसंग 👇👇*               *!! कर्म का महत्व !!* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ एक निक्कमे आदमी की पत्नी ने उसे घर से निकलते हुए कहा आज कुछ न कुछ कमा कर ही लौटना नहीं तो घर में नहीं घुसने दूंगीं। आदमी दिन भर इधर-उधर भटकता रहा, लेकिन उसे कुछ काम नहीं मिला। निराश मन से वह जा रहा था कि उसकी नजर एक मरे हुए सांप पर पड़ी। उसने एक लाठी पर सांप को लटकाया और घर की ओर जाते हुए सोचने लगा, इसे देखकर पत्नी डर जाएगी और आगे से काम पर जाने के लिए नहीं कहेगी। घर जाकर उसने सांप को पत्नी को दिखाते हुए कहा, ये कमाकर लाया हूँ। पत्नी ने लाठी को पकड़ा और सांप को घर की छत पर फेंक दिया। वह सोचने लगी कि मेरे पति की पहली कमाई जो कि एक मरे हुए सांप के रूप में मिली, ईश्वर जरुर इसका फल हमें देंगें क्योकिं मैंने सुना है कि कर्म का महत्व होता है। वह कभी व्यर्थ नहीं जाता। तभी एक बाज उधर से उड़ते हुए निकला जिसने चोंच में एक कीमती हार दबा रखा था। बाज की नजर छत पर पड़े हुए सांप पर पड़ी उसने हार को वहीं छोड़ा और सांप को लेकर उड़ गया। पत्नी ने हार को पति को दिखाते हुए सा

झूठी शान

झूठी शान एक जंगल में पहाड़ की चोटी पर एक किला बना था। किले के एक कोने के साथ बाहर की ओर एक ऊंचा विशाल देवदार का पेड़ था। किले में उस राज्य की सेना की एक टुकड़ी तैनात थी। देवदार के पेड़ पर एक उल्लू रहता था। वह भोजन की तलाश में नीचे घाटी में फैले ढलवा चरागाहों में आता। चरागाहों की लम्बी घासों व झाडियों में कई छोटे-मोटे जीव व कीट-पतंगे मिलते, जिन्हें उल्लू भोजन बनाता। निकट ही एक बडी झील थी, जिसमें हंसो का निवास था। उल्लू पेड पर बैठा झील को निहारा करता। उसे हंसों का तैरना व उडना मंत्रमुग्ध करता। वह सोचा करता कि कितना शानदार पक्षी हैं हंस। एकदम दूध-सा सफेद, गुलगुला शरीर, सुराहीदार गर्दन, सुंदर मुख व तेजस्वी आंखे। उसकी बडी इच्छा होती किसी हंस से उसकी दोस्ती हो जाए। एक दिन उल्लू पानी पीने के बहाने झील के किनारे उगी एक झाडी पर उतरा। निकट ही एक बहुत शालीन व सौम्य हंस पानी में तैर रहा था। हंस तैरता हुआ झाडी के निकट आया। उल्लू ने बात करने का बहाना ढूंढा “हंस जी, आपकी आज्ञा हो तो पानी पी लूं। बडी प्यास लगी हैं।” हंस ने चौंककर उसे देखा और बोला “मित्र! पानी प्रकॄति द्वारा सबको दिया गया वरदान हैं। इस

महाराज सगर

🕉️🌅🌄शुभप्रभात🌅🌄    राजा सगर की कहानी बाहु बड़े धर्मपरायण राजा थे, वे अपनी प्रजा का पालन पुत्रों के समान करते थे। पापियों और द्रोहियों को उचित दंड देते थे जिससे समस्त प्रजा निर्भय होकर धर्मपूर्वक रहते थे। उनके राज्य में अन्न वस्त्र की कोई कमी नहीं थी जिससे समस्त प्रजाजन वहाँ सुखपूर्वक निवास करते थे। एक बार राजा बाहु के मन में अहंकार उत्पन्न हो गया। वे सोचने लगे – ‘ पूरी पृथ्वी पर मेरे जैसा कोई राजा नहीं है। मेरे राज्य में चारों ओर सुख शांति है। मैंने अपने सभी शत्रुओं को जीत लिया है। मुझे समस्त वेद और शास्त्रों का ज्ञान है। इस संसार में मुझसे बढ़कर दूसरा कौन है।  दोस्तों, जब मनुष्य स्वयं को सबसे अच्छा मानने लगता है तो उसे दूसरों में दोष दिखाई देने लगते हैं। जो दूसरों में दोष देखते हैं उनकी वाणी भी दूसरों के प्रति कठोर हो जाती है। जिसका मन सदा दूसरों में दोष देखने में लगा रहता है और जो सदा कठोर भाषण किया करते हैं, उनके प्रियजन, पुत्र तथा भाई बन्धु भी शत्रु बन जाते हैं। इसलिए जो मनुष्य मित्र, संतान, गृह, धन-धान्य आदि सबकी हानि देखना चाहता हो उसे ही यह काम करना चाहिए। इस प्रकार अहंकार

महाभारत

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इसे YouTube पर देखने के लिए इस लिंक 👇 पर क्लिक करें https://youtu.be/SWKeqyLNvJo *मन का महाभारत............* 👌👌👌👌👌👌👌👌👌 एक बड़ी प्रसिद्ध हंगेरियन कहानी है कि  एक आदमी का विवाह हुआ। झगडैल प्रवृत्ति का था, जैसा कि आदमी सामान्यत: होते हैं। मां—बाप ने यह सोचकर शादी कर दी कि शायद यह थोड़ा कम क्रोधी हो जाए, थोड़ा प्रेम में लग जाए, जीवन में उलझ जाए तो इतना उपद्रव न करे, तो शादी हो गई। शादी तो हो गई पर आदमी से ज्यादा झगड़ैल स्त्रियां होती हैं। स्त्री का पूरा शास्त्र ही झगडैल होना है। लड़की के मां बाप भी यही सोचते हैं कि विवाह हो जाए, घर—गृहस्थी बने, बच्चा पैदा हो, उलझ जाएगी, तो झगड़ा कम हो जाएगा। लेकिन जहां दो झगडैल व्यक्ति मिल जाएं, वहां झगड़ा कम नहीं होता। जब दो झगड़ैल व्यक्ति मिलते हैं तो झगड़ा दो गुना क्या, अनंत गुना हो जाता है।  पहली ही रात, पहली ही—भेंट में जो चीजें आई थीं, उनको खोलने को दोनों उत्सुक थे—पहला डब्बा हाथ में लिया; बड़े ढंग से पैक किया गया था। पति ने कहा कि रुको, यह रस्सी ऐसे न खुलेगी। मैं अभी चाकू ले आता हूं। पत्नी ने कहा कि ठहरो, मेरे घर में भी बहुत गिफ्ट आते

ऊंची उड़ान

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इसे YouTube पर देखने के लिए इस लिंक 👇 पर क्लिक करें 🙏 🙏🙏 https://youtu.be/btswyC2yzgw *"ज्ञान के पंख"* बहुत समय पहले की बात है, एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये, वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे, राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया।           कुछ समय पश्चात राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे, और अब पहले से भी शानदार लग रहे हैं, राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे, आदमी से कहा, मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ, तुम इन्हें उड़ने का इशारा करो, आदमी ने ऐसा ही किया, इशारा मिलते ही  दोनों बाज उड़ान भरने लगे। लेकिन कुछ समय जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था, वहीं दूसरा बाज कुछ ऊपर जाकर वापस एक डाल पर आकर बैठ गया। ये देख राजा को कुछ अजीब लगा, राजा ने सवाल किया, क्या बात है, एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है तो दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा..? सेवक बोला, हुजूर, इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है, वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं,  राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे, और वो दूसर