आदमी की कमजोरियां -- ओशो

 एक राजा ने दरबार में 

सुबह ही सुबह 

दरबारियों को बुलाया । 

उसके दरबार में अचानक एक अजनबी यात्री आया। 

वह किसी दूर देश का रहने वाला था।

उसके वस्त्र पहचाने हुए से मालूम नहीं पड़ते थे । उसकी शक्ल भी अपरिचित थी , 

लेकिन वह बड़े गौरवशाली व्यक्तित्व का धनी मालूम होता था। 

सारे दरबार के लोग उसकी तरफ देख रहे थे । 

उसने एक बड़ी शानदार पगड़ी पहन रखी थी । 

वैसी पगड़ी उस देश में कभी नही देखी गयी थी । वह बहुत रंग – बिरंगी और छापेदार थी । 

ऊपर चमकदार चीजे लगी थी । 

राजा ने उससे पूछा – अतिथि ! क्या मै पूछ सकता हूं कि यह पगड़ी कितनी महंगी है

और कहा से खरीदी गयी है ? 

उस आदमी ने कहा – यह बहुत महंगी पगड़ी है । इसके लिए मुझे एक हजार स्वर्ण मुद्रा खर्च करनी पड़ी है ।

वजीर राजा की बगल में बैठा था। वजीर स्वभावतः चालाक होते है , नही तो उन्हें कौन वजीर बनाएगा ? उसने राजा के कान में कहा – सावधान ! यह पगड़ी बीस – पच्चीस रुपये से ज्यादा की नही मालूम पड़ती । 

यह हजार स्वर्ण मुद्रा बता रहा है । 

इसका लूटने का इरादा है ।

उस अतिथि ने भी वजीर को , जो राजा के कान में कुछ कह रहा था , उसके चेहरे से पहचान लिया। 

लेकिन वह अतिथि भी 

कोई नौसिखिया नही था । 

उसने भी बहुत दरबार देखे थे और दरबारों में वजीर और राजा देखे थे । 

वजीर ने जैसे ही अपना मुह राजा की कान से हटाया , 

वह नवांगतुक बोला – क्या मैं फिर लौट जाऊ ? मुझे कहा गया था कि इस पगड़ी को खरीदने वाला सारी जमींन पर एक ही सम्राट है । एक ही राजा है । क्या मै लौट जाऊ इस दरबार से । और मैं समझू कि यह दरबार , वह दरबार नही है जिसकी खोज में मैं हूँ ? मै कही और जाऊ ? 

मै बहुत से दरबारों से वापस आया हूं । 

मुझे कहा गया है कि एक ही राजा है इस ज़मीन पर , जो इस पगड़ी को एक हजार स्वर्ण मुद्राओं में खरीद सकता है । 

क्या यह दरबार वह दरबार नही है ?

राजा ने कहा दो हजार स्वर्ण मुद्रा दो और पगड़ी खरीद लो । वजीर बहुत हैरान हुआ। 

जब वजीर चलने लगा तो उस आए हुए अतिथि ने वजीर के कान में कहा –

मित्र ! You may be knowing the price of this turban, But I know the weaknesses of the king. 

मतलब 

उसने यह कहा कि हो सकता है कि तुम जानते हो कि पगड़ी के दाम कितने है , लेकिन मै राजाओं की कमजोरियां जानता हूँ ।

पादरी , पुरोहित और धर्मगुरु ईश्वर को तो नही जानते है , 

आदमी की कमजोरियों को जानते है और यही  खतरा है । 

उन्ही कमजोरियों का शोषण चल रहा है । 

आदमी बहुत कमजोर है और

बड़ी कमजोरिया है उसमें । 

उसकी कमजोरियों का शोषण हो रहा है ।

याद रखे – जो परमात्मा की शक्ति को जानता है , उसके लिए ज़मीन पर कोई कमजोरी नही रह जाती और जो परमात्मा को पहचानता है , उसके लिए शोषण असंभव है ।

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